वानर सेना के समुद्र पार करने का समाचार सुनकर रावण ने श्री राम की सेना के सामर्थ्य का अनुमान लगाने के लिए अपने दो गुप्तचरों शुक और सारण को भेजा। दोनों गुप्तचर वानर का वेश धारण कर सेना में घुस गए , परन्तु विभीषण ने उनको पहचान लिया और उन्हें पकड़कर श्री राम के सामने प्रस्तुत किया। श्री राम ने दोनों को दंड न देकर छोड़ दिया। और रावण के पास जाकर अपना संदेश देने के लिए कहा। श्री राम ने कहा जाओ अपने स्वामी दशानन को कह दो की श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ सीता को वापस ले जाने के लिए आये है।
सुग्रीव की वानर सेना के सहयोग से वो उसका वध का अपनी पत्नी को वापस लेकर ही यहाँ से जायेंगे।